आर्यवन आर्ष कन्या गुरुकुल (क्रियात्मक योग तथा वैदिक शास्त्रों के अध्ययन-अध्यापन का केन्द्र)

गुरुकुल का उद्देश्य

बड़े ही आश्चर्य की बात है कि बरसों से, युगों से इन्सान भटक रहा है... इस विचित्र संसार में.. सुख की तलाश में.. शांति की खोज में.. किन्तु अब तक यह नहीं जान पाया कि जिस सुख व शांति के लिये वह भागा जा रहा है, वह सुख व शांति बहार इस संसार में नहीं है, किन्तु उसके भीतर ही है !!
 
आर्यवन आर्ष कन्या गुरुकुल में, छात्राओं को अपने भीतर प्रवेश कर, शाश्वत् सुख व शांति को प्राप्त करवाने वाली आध्यात्मिक विद्या को योग-दर्शन में वर्णित यौगिक प्रक्रिया के माध्यम से सिखाया जायेगा । किन्तु आध्यात्मिक विद्या का विस्तार से वर्णन करने वाले सभी शास्त्र दैवी भाषा संस्कृत में हैं । अतः सैद्धान्तिक स्तर पर आध्यात्मिक विद्या को समझने के लिए उच्चस्तरीय संस्कृत भाषा का ज्ञान होना अनिवार्य है, जिसके लिए छात्राओं को संस्कृत व्याकरण का उच्चज्ञान पाणिनीय अष्टाध्यायी के अनुसार विस्तार से करवाया जायेगा ।
 
इस प्रकार गुरुकुल का अद्देश्य है कि शास्त्रीय ज्ञान के साथ साथ आध्यात्मिक विद्या को जीवन में उतारने वाली हर छात्रा सभी प्रकार के दु:खों से, बाधाओं से, तनाव से, रोग से, भोग से मुक्त होकर स्वस्थ्य, सुखी व शांत जीवन, जो सात्विक सुखदायिनी संवेदनाओं से व मानवता से भरपूर हो, जी सके और मानव जाति के लिए प्रेरणास्तंभ बने ।